Thursday, December 25, 2014

जिंदगी और पैसा by Suren Sharma

जिंदगी और पैसा

जिंदगी एक जुआ है ।
जिसमे एक कुआ हैजिसमे प्यारा पानी नहीं , प्यारा पैसा हैपैसा है ?
ये मत पूछो कैसा है ? 
चलो बता देता हु ये कुछ ऐसा है ...   
मालिक नौकर से सर्कस जोकर सेमनचाहा काम करवाता है 
एक दुसरे के घर में ये पैसा ही फुट डलवाता है 
राजनीती में पैसा ही सब कुछ करवाता है 
धर्म के नाम पर दंगे भी छिड़ वाता है
ये पैसा है ये मत पूछो कैसा है....   
पैसो के लिए ही चारा घोटाला होता है
जानवर भूखे मरते है ,, नेता मालामाल होता है
लालची कपटी इंसान पर ये बरसता है,
और गरीब ईमानदार इसके लिए तरसता है
ये पैसा........
ससुराल में जब बेटी जलती है । ये पैसे की ही गलती है
बन्दे की उम्र ढलती है पर पैसे की उम्र फलती है
और आज कल तो दोस्तों
भगवान् के दर पर भी इसी की चलती है....
ये पैसा है......
तू जब जब हद से ज्यादा पैसा कमाएगा
ये तेरे दिन का चैन और रात की नींद उडाएगा..  
तू ये क्यों भूल जाता है ?तू तो एक दिन उसक घर चला जायेगापर ये
पैसा तेरा साथ नहीं निभाएगाऔर
न ही तेरे साथ जायेगा..
ये तो भाई एइसा है
तेरे बादकिसी और का घर बसाएगा
ये पैसा है ये मत पूछो कैसा है..

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Surender Kumar Sharma